भ्रष्टाचार व राजनीतिक प्रबंध नहीं होता यानिकी भ्रष्टाचार व राजनीतिक संरक्षण के कारण इतना बड़ा घोटाला हुआ है.
A. यदि वर्ष 2010 से पहले आयकर उपायुक्त टी.सी.गुप्ता द्वारा इस सोसाइटी को बैंक नहीं माना जाता और टी.सी.गुप्ता के खिलाफ कोई कार्यवाही की गयी होती.
B. यदि वर्ष 2010 की चलती आदर्श ग्रुप आयकर सर्च के दौरान बिना बुलाये आयकर उपायुक्त टी.सी.गुप्ता सिरोही नहीं जाता.
C. यदि 2012 में मेरी पहली शिकायत पर सीबीआई जोधपुर कार्यवाही करती.
D. यदि 2012 में मेरी पहली शिकायत को दबाने के लिए कुछ आयकर अधिकारियों से मिली-भगत कर सीबीआई जोधपुर ने एक इमानदार अधिकारी को डराने व Demoralise के लिए फालतू की कार्यवाही नहीं की होती.
E. उसके बाद में सीबीआई मुख्यालय को शिकायत की गयी और यदि देश की ताकतवर सीबीआई कोई कार्यवाही करती.
F. 2012 के बाद से आयकर विभाग मुख्यालय दिल्ली, जयपुर, जोधपुर और अहमदाबाद को भी कई शिकायते की गयी. यदि आयकर विभाग पहले ही जाग जाता ?
G. 2014 के लोक सभा चुनावों से पहले घोटाले के कई मामले सोशल मीडिया में उजागर हुए थे. उस समय की मनमोहन सरकार ने कोई कार्यवाही की होती.
H. 2014 के लोक सभा चुनावों से पहले घोटाले के कई मामले सोशल मीडिया में उजागर हुए थे जिसकी सारी सूचना बीजेपी के जालोर-सिरोही सांसद के पास थी और उन्होंने सांसद का धर्म निभाते हुए घोटाले की सूचना को नहीं दबाया होता.
I. 2014 के लोक सभा चुनावों से पहले घोटाले के मुख्य आरोपी मुकेश मोदी का टिकेट कटवाने के लिए बीजेपी के जालोर-सिरोही सांसद ने घोटाले के कई तथ्यों की सूचना बीजेपी मुख्यालय को देकर मुकेश मोदी का टिकेट कटवाकर अपना टिकेट पक्का कर लिए. काश ! बीजेपी सता में आते ही कुछ कार्यवाही करती.
J. मार्च 2015 में इसी घोटाले से जुड़े मामले में मेने ACJM Court सुमेरपुर में मुकेश मोदी के खिलाफ फोजदारी मुकदमा दर्ज करवाया, यदि त्वरित गति से कोर्ट ने मामले में कार्यवाही कर दी होती तो ...... लेकिन आज 4 साल बाद भी मामला प्रथम पायदान (संज्ञान) पर धक्के खा रहा है.
K. यदि PM मोदी सितम्बर 2017 में राहुल मोदी से नहीं मिलते और उनके साथ फोटो का दुरूपयोग रूकवा देते.
L. जनवरी 2018 व फरवरी 2018 में शिकायत के बाद PM मोदी इस घोटाले पर गंभीर कार्यवाही करते.
M. जून 15, 2018 के बाद, ABP न्यूज़ यदि चुप्पी नहीं साध लेता.
N. 2014 से ही देश का मीडिया आँखे बंद नहीं कर लेता और कई चैनल ने विज्ञापन नहीं दिखाया होता.
O. कम से कम जून 2018 के बाद भी मीडिया द्वारा कुछ जानकारी देश की जनता को बता दी जाती .
P. 2012 से ही सेंट्रल रजिस्ट्रार चुप नहीं रहता और एक जिम्मेदार अधिकारी का रोल निभाता.
Q. देश की एक जांच एजेंसी SFIO तेज गति से जांच करता और देश को जांच प्रगति बताता.
R. लिक्वीडेटर के मामले गुजरात हाईकोर्ट का आदेश समय से अपलोड हो जाता (महीनो से पेंडिंग).
S. लिक्वीडेटर समय रहते अपनी कार्यवाही करता.
T. भारत सरकार और उसके महकमे चुप्पी नहीं रखते और ऐसी स्कीमो को खुल्ली छूट नहीं देते.
U. सोसाइटी कई स्थानों पर घोटाले से अनजान लोगो से आज भी जमाये ले रही है सरकार मूक-दर्शक रहकर समर्थन नहीं करती होती.
V. देश की राजनीतिक पार्टिया यदि चुप्प नहीं रहती.
W. मालूम पड़ने के बाद भी एजेंट और निवेशक अंध-भक्त बन कर चुप नहीं रहते और
X. सच्चाई पर अविश्वास करके और निवेश जारी नहीं रखते.
Y. चुनाव का मौक़ा है, नेताओं से दबाव पूर्ण तरीके से अपना हक़ माँगते तो ...
Z. अगला एपिसोड – जानिये, एक धमकी और षडयंत्रयुक्त झूठ जिससे 120०० करोड़ का आदर्श मोदी घोटाला खुल गया – अभी से चेनल ‘नया भारत पार्टी’ सब्सक्राइब कर ले ताकि अगले एपिसोड की सूचना आपको तत्काल मिल जाए.
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